वार्षिक प्रतिवेदन (एनुअल रिपोर्टस)
संस्था का वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Reports) एक तरह से संस्था का मार्केटिंग टूल और प्रोफाइल होता है. पूरे वर्ष के दौरान संस्था के कार्यों का विस्तृत व सटीक वर्णन वार्षिक प्रतिवेदन (एनुअल रिपोर्ट्स) में होता है.
वार्षिक रिपोर्ट्स में उल्लेख होता है कि संस्था अपने उद्देश्य और मिशन को पूरा करने के लिए बरस भर में क्या कार्य करती आई है. साल भर के इन कार्य गतिविधियों से संस्था ने अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए क्या-क्या किया. संस्था ने कहां से फंड जुटाए व कहां खर्च किये. संस्था ने समाज कल्याण, पर्यावरण सुधार के लिए क्या किया तथा वार्षिक प्रतिवेदन इसलिए तैयार किया जाता है कि अब तक जिन्होंने दान व वित्तीय सहायता दी है उन्हें पता चले कि उसके दान का किस तरह उपयोग हुआ है तथा भविष्य में अन्य फंडिंग एजेंसीज से फंड जुटाना आसान रहें इसके लिए भी वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करना जरूरी है. वार्षिक प्रतिवेदन वास्तविक तथ्यों व आकड़ों पर तैयार किया जाता है. वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करने में कल्पना व गप्पेबाजी तथा शब्दों के जादूगरी की जरूरत नहीं होती, उससे बहुत दूर ही रहना चाहिए.
क्योंकि वार्षिक प्रतिवेदन से ही यह आकलन होता है कि संस्था को आप अपने कार्य रणनीति में किस तरह से व कहां बदलाव करने हैं. प्रोजेक्ट सेंक्शन कराने के लिए वार्षिक प्रतिवेदन की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आप चाणक्य से वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करने हेतु संपर्क कर सकते हैं.