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चाणक्य एनजीओ कंसल्टेंसी (Chanakya NGO Consultancy) का मिशन स्वयं सेवी संस्थानों को उनके जन-कल्याण और सामाजिक विकास के लक्ष्य तक पहुँचाना है. चाणक्य सुव्यवस्थित एनजीओ के लिए सलाहकार सेवा उपलब्ध करवाने के साथ मुख्य रूप से नई व छोटी संस्थाओं को पहचान दिलवाना व उनके कार्यक्षेत्र व कार्य क्षमता को विस्तार देना भी है. स्वयं सेवी संस्था पंजीयन (एनजीओ रजिस्ट्रेशन / NGO Registration) से लेकर, संस्था के शुरुआत के कार्यों और आगे के सभी स्तर पर सभी तरह से संस्था को समृद्ध बनाने व संस्थान का कार्य व्यापक स्तर पर स्थापित करने और उनके सामाजिक कार्य का विस्तार करने में सहयोग करते हैं. एनजीओ कंसल्टेंसी सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्थानों के लिए जिन सभी तरह की तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने में मदद करते हैं उनमें संस्थान रजिस्ट्रेशन (NGO Registration), राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सोसाइटी पंजीयन (State level and National Level Society Registration), ट्रस्ट पंजीयन (Trust Registration), गैर लाभकारी कम्पनी पंजीयन (Non-Profit Company Registration), संपूर्ण दस्तावेजीकरण (Documentation), लेखा कार्य (एकाउण्टेंसी/ NGO Accountancy), संस्था की समस्त गतिविधियों का मूल्यांकन, फंड जुटाने (Fund Raising) के उपाय, विदेशी अनुदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए (FCRA) रजिस्ट्रेशन, परियोजना प्रस्ताव तैयार करना (प्रोजेक्ट प्रपोजल राइटिंग/ Project Proposal Writing), परियोजना का क्रियान्वयन (Project Implementation) आदि शामिल है.

संस्था किस तरह से अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाए? किस तरह संस्था निरंतर आगे बढ़ती रहे? चाणक्य एनजीओ कंसल्टेंसी (NGO Consultancy) टीम इन सभी पर बेहद ईमानदारी से अपने से जुड़े जन सेवी सामाजिक कार्यकर्ताओं और सेवा भावी स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ बहुत मेहनत करती है. आर्थिक रूप से संपन्न एनजीओ सेक्टर और बड़ी संस्थाओं के पास फंड की कमी नहीं होती है, उनके लिए संस्था चलाना मुश्किल नहीं होता है. लेकिन देश में बहुत सी संस्थाएं ऐसी है जो बेहद ईमानदारी से अच्छी नीयत से हकीकत में देश व समाज के कल्याण एवं सामाजिक विकास के कार्य करना चाहती है और कुछ समय तक वे इस इच्छाशक्ति के साथ कार्य करने के बाद वित्तीय सहायता व उपयुक्त सहयोग के अभाव में निष्क्रिय हो जाती है. बड़ी संस्थाएं भी विकास के एक रास्ते से गुजरते हुए सक्षम बनी होती है. उसी प्रकार नई व छोटी संस्थाएं भी किस तरह से निरंतर सक्रिय बनी रहे और अपने मकसद में सफल बने आइल लिए चाणक्य कंसल्टेंसी की ओर से उन्हें इसके लिए उचित मार्गदर्शन दिया जाता है.

सभी संस्थाओं का उनका अपना एक निर्धारित विजन होता है यह विजन उनके संविधान (मेमोरेंडम/ Memorandum) के मुख्य उद्देश्यों में स्पष्ट बताया गया होता है. उदाहरण के लिए जैसे कोई संस्था बाल विकास, महिला विकास या यातायात सुरक्षा पर, कोई संस्था स्वास्थ्य पर, कोई संस्था पर्यावरण पर, कोई संस्था व्यावसायिक प्रशिक्षण पर कार्य करना चाहती है. हमारे लिए यह जरूरी हो जाता है कि इस तरह की संस्थाओं को उनके मुख्य उद्देश्य वाले विजन-मिशन तक कैसे पहुचाएं जिससे कम संख्या, कम तनाव और न्यूनतम आर्थिक क्षमता के साथ भी एक स्पष्ट रणनीति के तहत अपने लक्ष्य तक पहुंच जाए. चाणक्य कंसल्टेंसी के लिए स्वयं सेवी संस्थाएं और उसनके संचालक समाज सेवक मात्र प्रोफेशनल कार्य तक ही जुड़े नहीं होते बल्कि हम अपनी नैतिक व सामाजिक जिम्मेदारी समझकर उनके समाज कल्याण व विकास के लाभ रहित उद्देश्य को पूरा करने में पूरा सहयोग प्रदान करते हैं. आगे चलकर सामाजिक कार्यकर्ता और संस्थान चाणक्य कंसल्टेंसी के साथ एक विस्तृत परिवार-समूह के सदस्य बन जाते हैं. ईमानदारी से कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थानों के साथ हमारा स्थायी जुडाव रहता है.

संस्थाओं को किस तरह के प्रोजेक्ट की जरूरत है चाणक्य टीम इसे चिह्नित करने में व पहचानने में सहयोग करती है. संबंधित प्रोजेक्ट के लिए संस्था को किस तरह से तैयारी करनी है? कितने जरूरतमंदों तक पहुंचना है? कार्यक्षेत्र का निर्धारित लाभान्वित लक्ष्य समूह (टार्गेट ग्रुप) कौन-कौन है? कौनसी सरकारी व गैर सरकारी अनुदादाता संस्थाएं/मंत्रालय किस प्रोजेक्ट पर कितना अनुदान (फंडिंग) दे रहे है? सभी तरह से हम मार्गदर्शन करते हैं. हमारा एक ही लक्ष्य है कि हम वास्तविक स्वयंसेवी संस्थाओं की बेहतरी के लिए पूर्णतया संतोषजनक सेवाएं प्रदान करें ताकि वे समाज के विकास की दिशा में आगे बढ़ सके. संस्थाओं के सामाजिक कल्याण के मिशन में हमारा सहयोग संस्था रजिस्टर करवाने से लेकर, प्लानिंग बनाना, रणनीति तैयार करना, विभिन्न कार्यक्रम बनाना, फंड जुटाने और क्रियान्वयन तक में रहता है.

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